नई दिल्ली
डेढ़ महीने के बाद आईसीसी वर्ल्ड कप अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। कल दोनों मेजबान ऑस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड के बीच फाइनल मुकाबला है। आइए, जानते हैं अब तक हो चुके वर्ल्ड कप के 10 फाइनल मुकाबलों के बारे में कुछ रोचक बातें...
1. वर्ल्ड कप के 10 फाइनल मुकाबलों में से 7 बार पहले बैटिंग करने वाली टीम को जीत मिली है। इसके अलावा एक तथ्य यह भी है कि ज्यादातर फाइनल मुकाबले एकतरफा रहे हैं।
2.अब तक सबसे दिलचस्प मुकाबला 1987 के फाइनल में देखने को मिला, जब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड आमने-सामने थे। कोलकाता में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट पर 253 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम 8 विकेट के नुकसान पर 246 रन ही बना सकी।
3. सबसे एकतरफा फाइनल मुकाबला 2003 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रहा है। जोहानिसबर्ग में खेले गए इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपने कप्तान रिकी पॉन्टिंग की 140 रनों की आतिशी पारी की बदौलत 359 रन बनाए। भारतीय टीम 39.2 ओवरों में 234 रन पर ऑलआउट हो गई। वीरेंद्र सहवाग (82 रन) और राहुल द्रविड़ (47 रन) को छोड़ दिया जाए तो कोई अन्य बल्लेबाज 25 रन के आंकड़े को नहीं छू सका।
4. जैसा कि ऊपर हम बात कर चुके हैं कि अब तक केवल तीन मौकों पर बाद में बैटिंग करने वाली टीम के हिस्से में जीत आई है। तीनों ही बार विजेता टीम को कोई खास दिक्कत नहीं आई। लक्ष्य का पीछा करते हुए उनके हाथ में पर्याप्त विकेट और गेंद रहे।
5. इन तीनों में 2011 में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया फाइनल सबसे करीबी रहा था। श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे और भारत ने जीत के लक्ष्य को 48.2 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया था।
डेढ़ महीने के बाद आईसीसी वर्ल्ड कप अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। कल दोनों मेजबान ऑस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड के बीच फाइनल मुकाबला है। आइए, जानते हैं अब तक हो चुके वर्ल्ड कप के 10 फाइनल मुकाबलों के बारे में कुछ रोचक बातें...
1. वर्ल्ड कप के 10 फाइनल मुकाबलों में से 7 बार पहले बैटिंग करने वाली टीम को जीत मिली है। इसके अलावा एक तथ्य यह भी है कि ज्यादातर फाइनल मुकाबले एकतरफा रहे हैं।
2.अब तक सबसे दिलचस्प मुकाबला 1987 के फाइनल में देखने को मिला, जब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड आमने-सामने थे। कोलकाता में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट पर 253 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम 8 विकेट के नुकसान पर 246 रन ही बना सकी।
3. सबसे एकतरफा फाइनल मुकाबला 2003 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रहा है। जोहानिसबर्ग में खेले गए इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपने कप्तान रिकी पॉन्टिंग की 140 रनों की आतिशी पारी की बदौलत 359 रन बनाए। भारतीय टीम 39.2 ओवरों में 234 रन पर ऑलआउट हो गई। वीरेंद्र सहवाग (82 रन) और राहुल द्रविड़ (47 रन) को छोड़ दिया जाए तो कोई अन्य बल्लेबाज 25 रन के आंकड़े को नहीं छू सका।
4. जैसा कि ऊपर हम बात कर चुके हैं कि अब तक केवल तीन मौकों पर बाद में बैटिंग करने वाली टीम के हिस्से में जीत आई है। तीनों ही बार विजेता टीम को कोई खास दिक्कत नहीं आई। लक्ष्य का पीछा करते हुए उनके हाथ में पर्याप्त विकेट और गेंद रहे।
5. इन तीनों में 2011 में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया फाइनल सबसे करीबी रहा था। श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे और भारत ने जीत के लक्ष्य को 48.2 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया था।